आवाज़ कुछ कहने या चाहने के लिए अंदरूनी या बाहरी आवाज़ चाहिए . आवाज़ मेरे लिए ऐसा ही मंच है जहाँ मैं बिना किसी झिझक के कुछ कह सकता हूँ. लिख सकता हूँ
Tuesday, April 15, 2008
ब्लॉग का कमाल
आज ब्लॉग की दुनिया इतनी ज्यादा बढ़ गई है की यह इक अलग संसार बना चुका है । खासकर हिन्दी ब्लॉग ने तो इतना क्षेत्र दिया है की लिखो रोमन में और हो जाए हिन्दी यह सच में कमाल है । अपनी आवाज़ को दुनिया के सामने बेखौफ रखना हो तो अपना ब्लॉग जिन्दाबाद
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