Saturday, April 19, 2008

आई पी एल

धूम मस्ती दीवानगी आदि आदि का मिश्रण है आई पी एल । ललित मोदी का दिमाग और सुभाष चन्द्रा द्वारा दी गई परोक्ष चुनौती ने बीसीसीआई को भी मुकाबले के लिए विवश किया। पैसे की चमक ने तमाम विदेशी खिलारिओं को आई पी एल में खेलने के लिए बाध्य किया चाहे इसके लिए उन्हें अपने देश के लिए बगावत भी क्योंना करना पड़े । पैसा जो न करे । भाई आज golblisation का दौड़ में आप किसी को बाँध कर नहीं रख सकते। कुछ बुढे पर गए खिलाड़ी जैसे मियांदाद टाइप लोग जिनको भारत की क्रिक्केतिया तरक्की फूटी आँख नहीं सुहा रही । मान लिया की आज कल भारत पाकिस्तान को पीट रहा है तो इसमें अपना क्या दोष है । २० २० की हार अभी तक नहीं भूले तो मत भूलो लेकिन उदई भारत से जलो मत और भी white टाइप लोगों। कुछ तो सोचो की आज का भारत जवान है और जवानों को रोकना ...... मतलब सोचलो। यदि भारत आई सी सी को हांकता है तो इसमे क्या गलती है । कहतें हैं की जल में रहकर मगर से बैर । सारा पैसा का अस्सी प्रतिशत विश्वा क्रिकेट को भारत से तो क्यों ना चले मेरा............

Thursday, April 17, 2008

हिंगलिश

यह मान लें की बिना इंग्लिश के काम नहीं चल सकता है लेकिन यदि भड़ास मंच पर इंग्लिश की इसी तरह घुसपैठ रही तो भड़ास के मंच का नाम होगा हिंगलिश भड़ास। बुरा मत मानना । कहने का मतलब कम से कम इंग्लिश ज्यादा से ज्यादा हिन्दी किंतु इधर से कुछ ज्यादा ही इंग्लिश का दखल बढ़ गया है।

Tuesday, April 15, 2008

ब्लॉग का कमाल

आज ब्लॉग की दुनिया इतनी ज्यादा बढ़ गई है की यह इक अलग संसार बना चुका है । खासकर हिन्दी ब्लॉग ने तो इतना क्षेत्र दिया है की लिखो रोमन में और हो जाए हिन्दी यह सच में कमाल है । अपनी आवाज़ को दुनिया के सामने बेखौफ रखना हो तो अपना ब्लॉग जिन्दाबाद

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begusarai, bihar, India
dinkar or deepak both are supplement dinkar produce light(deepak)and deepak search his way which is clear or not