टाइटल देख कर ही भडासी भाई समझ गए होंगे की मैं क्या कहना चाह रहा हूँ। बड़े ही जोड़ शोर से यूं पी ऐ सरकार और बामपंथी कामरेड ने नरेगा को लागु करवाया ताकि भारत के मजदूरों से जब वे वोट मांगने जायेंगें तो ख़म ठोककर कहेंगे की उसबारजिताया तो आपके लिए १०० दिनों के काम की गारंटी दिलाया इसबार जिताओगे तो समझो साल भर काम की पक्की। लेकिन १०० दिन का आधा भी मेरे खगरिया के भोले भाले मजदूरों को काम मिल जाता तो समझता की इसबार कांग्रेस के युवराज राहुल भी बिहार में कह सकते हैं की मेरी पार्टी को अकेले दम पर वोट मांगने की हिम्मत बिहार में आ गया है। जब मजदूरों के जॉब कार्ड रिकॉर्ड की पर्विस्ती कंप्यूटर पर करने बैठा हूँ तो पुरा का पुरा गोलमाल। जॉब कार्ड बन गया । कागज पर । मजदूर काम कर लिए मास्टर रोल पर। पैसा निकल गया मापी पुस्तिका पर। बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री पैसा लेकर वैसे पदाधिकारी का ट्रांसफर रोक देते हैं जो पैसा कमाकर उन्हें हिस्सा देने काआश्वाशन देते हैं। जॉब कार्ड बन गया लेकिन पाने वाले का कोई अंगूठा का निशान नहीं। जॉब कार्ड बना दिया लेकिन बनाने वाले का कोई sine नहीं। तो देखो मेरे भड़ास भाइयों नरेगा की संक्षिप्त कहानी की पहली कड़ी। आगे बहुत कुछ है। ढूंढ कर लाऊंगा।
स्वास्थ्य संबंधी अनमोल बातें
9 years ago