आवाज़ कुछ कहने या चाहने के लिए अंदरूनी या बाहरी आवाज़ चाहिए . आवाज़ मेरे लिए ऐसा ही मंच है जहाँ मैं बिना किसी झिझक के कुछ कह सकता हूँ. लिख सकता हूँ
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